Sawan 2023 Dates: इस बार दो महीने का होगा सावन, वर्षों बाद
2 June, 2023सावन, भारतीय हिन्दू कैलेंडर में एक महीने का महीना है जो मार्गशीर्ष और पौष मासों के बीच में पड़ता है। यह महीना भगवान शिव की पूजा और व्रत करने का विशेष महीना माना जाता है। सावन का महीना रोमांचकारी परंपराएं, रंग-बिरंगे चुनरियों का त्योहार और धार्मिक त्योहारों के साथ संपूर्ण भारत में खुशहाली और ध्यान की भावना का महामार्ग है। इस लेख में, हम आपको 2023 के सावन के बारे में जानकारी देंगे, जो कि दो महीने का होगा और वर्षों के बाद आ रहा है।
Sawan 2023 Start Date and End Date
सावन का महीना भोलनाथ के भक्ति के सर्वश्रेष्ठ माना गया है. भोले बाबा के भक्त जलाभिषेक, दुधाभिषेक से शिव शंकर को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. इस बार सावन का महीना हर बार के सावन के महीनों से अलग होगा. इस बार सावन 4 जुलाई 2023 से शुरु होकर 31 अगस्त 2023 तक रहेगा. इस बार नए वर्ष 2023 में हिंदू कैलेंडर का 13वां महीना मिलेगा, जिसमें अधिकमास शामिल होगा. यह अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि विभिन्न पौराणिक कथाओं और तंत्रिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव के इस मासिक व्रत को करने से भक्त को ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं और सभी दुःखों और संकटों से मुक्ति मिलती है।
विक्रम संवत 2080 में पड़ने वाले अधिकमास के कारण सावन दो महीने का होगा , जो 59 दिन तक रहेगा . इन सभी बातों में खास बात यह है कि यह संयोग 19 साल बाद बन रहा है . हर तीन साल पर एक अतिरिक्त मास होता है, जिसे अधिकमास या मलमास कहते हैं. इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है.
वर्ष 2023 में सावन माह 4 जुलाई से शुरू होगा और 31 अगस्त तक चलेगा। सावन के महीने में कुल 59 दिन होंगे, जिसमें 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिकमास (मलमास) रहेगा। इस बार, 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास मनाया जाएगा।
सावन के दौरान, हिन्दू धर्म के अनुयाय भगवान शिव की पूजा करते हैं और श्रद्धा और भक्ति के साथ उनके लिए व्रत रखते हैं। उन्हें अपने जीवन को उन्नत और समृद्ध बनाने के लिए आशीर्वाद मिलता है। सावन का महीना भगवान शिव के अलावा देवी पार्वती को भी समर्पित होता है, जिन्हें सावनी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह महीना भगवान शिव की अनुभूति, शक्ति, और करुणा को प्रकट करने का अवसर है।
सावन के महीने में, श्रद्धालु भगवान शिव के लिए भक्ति और समर्पण जताते हैं। व्रत रखने वाले लोग गंगाजल से स्नान करते हैं और शिवलिंग की पूजा करते हैं। भगवान शिव की मूर्तियों को धूप, दीप, बेल पत्र और धातु की कलश के साथ पूजा की जाती है। सावन का महीना एक सभ्य और धार्मिक समाज में एकता और सद्भावना का प्रतीक बनता है।
सावन महीने में जलाभिषेक का तरीका
सावन महीने में जलाभिषेक करना भगवान शिव की पूजा और आराधना का एक प्रमुख तरीका है। इस महीने में शिवभक्त शिवलिंग के जलाभिषेक करके अपने आराध्य भगवान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं। जलाभिषेक करने के लिए, सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और उसे सुंदरता से सजाएं। फिर प्रयागराज या गंगा जैसे पवित्र तीर्थस्थल से पानी लें या घर में पवित्र जल तैयार करें। ध्यान रखें कि जल पवित्र होना चाहिए। अब शिवलिंग के सामने जाएं और उसे शुद्ध जल से स्नान कराएं। जल को मूर्ति पर धारित करते समय, शिवमंत्र या ओं नमः शिवाय का जाप करें। इसके बाद, जल को अच्छी तरह से विचार करें और अपनी मनोकामनाएं मंगें। आखिर में, अर्चना के बाद प्रशाद बांटें और शिव जी को धूप, दीप, फूल और बेल पत्र से आराधना करें। सावन में जलाभिषेक करने से हमारे मन में शांति, समृद्धि और ध्यान की भावना बढ़ती है।
Conclusion:
सावन 2023 का महीना दो महीने का होगा और वर्षों के बाद आ रहा है, जो कि अत्यंत अद्वितीय होगा। यह महीना भगवान शिव के विशेष महीना है और हिन्दू समुदाय में गौरवपूर्ण है। इस महीने में भक्ति, पूजा, और व्रत रखने से श्रद्धालु भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और दुःखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस सावन में, हम सभी को एकजुट होकर धार्मिक त्योहारों का आनंद लेना चाहिए और इस अद्वितीय समय का समर्थन करना चाहिए। सावन 2023 आपके लिए धन, समृद्धि, सुख, और शांति लाएगा।